उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1959 में नगर पालिका को विभिन्न नगरीय सेवाओं हेतु नगर के नागरिको को उपलब्ध कराने का दायित्व दिया गया है। भारतीय संविधान के 74वें संशोधन और उसकी 12वीं अनुसूची को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय निकायों का दायित्वों में पर्याप्त अभिवृद्धि हुई है।
उक्त के परिप्रेक्ष्य में निकायों का दायित्व बनता है कि वे नागरिकों को मूलभूत रखते हुए नगर पालिका द्वारा नागरिक चार्टर प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें नागरिकों को पथ प्रकाश, यातायात, सफाई, सडक सम्बन्धित त्वरित निस्तारण की समयबद्ध कार्यवाही की जानकारी दी जा सकेगी।
यह नागरिक चार्टर निम्नलिखित सिद्धान्त/उद्देश्यों की दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत किया जा रहा है :–
- नगर पालिका के कार्य निष्पादन को व्यापक रूप से प्रचारित करना। ।
- सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
- जन शिकायतों का प्रभावी निस्तारण।
- नगरीय सेवाओं के सम्बन्ध में मानक के अनुसार जवाब देही सुनिश्चित करना।
- प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता रखना।
- नगरीय सेवाओं का नियमित करना।
- नगरीय सेवाओं के प्रति जागरूकता, प्रतिबद्धता एवं जन सहभागिता जागृत करना।
नागरिको द्वारा की गई शिकायत के निस्तारण में शिथिलता बरतने अथवा कार्यवाही न करने पर निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी।
- लगातार तीन शिकायतों पर कार्यवाही निर्दलीय करने पर स्पष्टीकरण ।
- स्पष्टीकरण सन्तोषजनक न होने पर चेतावनी ।
- लगातार चार शिकायतों पर कार्यवाही न करने पर कठोर चेतावनी ।
- लगातार 6 शिकायतों पर कार्यवाही न करने पर प्रतिकूल प्रविष्टि ।
- लगातार 6 से अधिक शिकायतों पर कार्यवाही निर्दलीय करने पर विभागीय कार्यवाही ।